लेखनी प्रतियोगिता -28-Jul-2023 इंद्रदेव का प्रकोप
इंद्रदेव का प्रकोप छाया,
देख जग में पानी की भरमाया,
त्राहि-त्राहि चहूॅं ओर मचाया।
बारिश ने रूप धरा विकराल,
मचाती जगत में देखो धमाल,
देख प्रकृति का मनु कमाल ।
किया सदा प्रकृति से खिलवाड़,
बारिश बन कर आ गई बाढ़,
करती सबकी जिंदगी बेहाल।
कितने घर हो गए बेघर,
हाथ फैलाए खड़े हैं नर,
उपकार करो अब हम पर।
बचा लो हमारी जिंदगी,
यही है प्रभु तुम से विनती,
गिन रहा हूॅं हर साॅंस की गिनती।
धरती पर आओ पालनहार,
बचाओ अब जगत संसार,
कर दो हम पर यह उपकार।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा
Shashank मणि Yadava 'सनम'
29-Jul-2023 05:52 AM
Nice lines
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Reena yadav
28-Jul-2023 11:07 PM
👍👍
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